भारत में अभी 'स्ट्रेंजर ऑन रेंट' का चलन नहीं है । लेकिन वो दिन आने में कितना समय लगेगा, जब हम जापान की बुलेट ट्रेन को प्लेटफॉर्म से खड़े होकर आने वाली ट्रेन की तरह झांक कर देख रहे हैं...ट्रेन लेट है लेकिन बुलेट आ तो रही है न...जापान में ही 50 वर्षीय ताकानोबु निसीमोतो ने 2012 में ऑनलाइन ओसान रेंटल सर्विस शुरू की ।
Courtesy- CNN
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सवाल एक ही है कि आखिर पैसे देकर कोई क्यों अजनबी के संग वक्त बीताना चाहेगा ? अधेड़ मर्द किराए पर लेना क्यों चाहेगा ?
सबसे पहले तो हमे उस बदलाव पर नजर डालना पड़ेगा जो इस तरह के बिजनेस आइडिया का जन्मदाता है ।
जापान में 40 पार कर चुके लोगों की निजी जिंदगी से निकले अनुभव ये भी है कि अगर आपकी जिंदगी में कुछ दिलचस्प ना होता रहे, तो आप मानसिक रूप से मर जाएंगे...लोग गंभीरता से जीते-जीते अपना नजरिया सीमित कर लेते हैं..
दरअसल ये महानगरीय जीवनशैली से पनपी विडंबनाएं हैं ।
कुछ ध्यान देने वाली बातें ये भी हैं-
1. जान-पहचान वाले में बात करने पर बात फैलने का डर का बढ़ना
2. बढ़ते अकेलेपन की मानसिक जरूरतें
3. भावनाओं की वेदना को हंसी-हंसी झेलने वाला
और
4. एक बार बात करने के बाद गले नहीं पड़ने का तनाव
स्ट्रेंजर ऑन रेंट भी इसी वजह से आई है । जीवन रुकता जो नहीं है । बहता है । किसी न किसी रुप में बहेगा । उसे पोषित करने लिए नई-नई चीजें भी सामने आ जाएंगी ।
ऐसा भी कह सकते हैं कि मर्जी का मामला जब बढ़ जाए । तो फिर ढंग बदल जाते हैं ।
एक रिसर्च के मुताबिक जापान में ऐसे यूथ की संख्या तेजी से बढ़ रही जो शादी नहीं करना चाहते ।
लेकिन अजनबी के साथ होना और किराए पर अजनबी को लेने में बहुत अंतर है ? अजनबी बहुत प्यारा भी लगता है । बिल्कुल गाने की तरह- ओ अजनबी तेरे लिए...मेरी जिंदगी में अजनबी का इंतजार है । लेकिन जैसे इसकी एंट्री होती है और जान पहचान बढ़ता है । राय बदल जाती है । दोनों का एक-दूसरे के प्रति नजरिया भी ।
कभी-कभी अजनबी घातक भी साबित होता है । भारत जैसे देश में होने वाली रेप की घटनाएं अजनबी से डराती हैं । जापान में शायद ये डर कम हो । पर 'किराए से मिलने वाले अजनबी' में डर वाली बात न के बराबर ही होती है । क्योंकि यहां कीमत चुकाई जाती है । रेंट पर आने वाला अजनबी एक इम्प्लाई ही होता है ।
खैर मनाइए, नए तरह के इस बिजनेस की । एक अलग चाहत की । चाहत से याद आया- वो 'लिव इन रिलेशन' के किस्सों की । पहले इस रिश्ते में प्यार होता है, फिर कथित बलात्कार..और मामले थाने जाने लगते हैं..
लेकिन जापान वाला ये ट्रेंड बिल्कुल अलग है । इसमें नयापन भी है । वैसे इसके बारे में भी आगे सुन ही लेंगे । भारतीय वर्जन की कहानियां भी आ ही जाएंगी । और क्या कहूं । उनके लिए गाना गुनगुना देता हूं जो संस्कृति का झंडा लिए खड़े हैं-
आया समय बड़ा बेढंगा
नर होकर नाच रहा नंगा
देख तेरे संसार की हालत क्या हो गई भगवान..
कितना बदल गया इंसान ?
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