Sunday 19 August 2018

आज ही आया था गुलामी का पहला सिक्का

19 अगस्त 1666 को औरंगजेब की कैद से शिवाजी मुक्त हुए! शिवाजी फल की टोकरी में छिपकर बाहर निकले !
और इसी दिन,कलकत्ता (अब कोलकाता) में 19 अगस्त 1757 को ईस्ट इंडिया कंपनी ने पहला सिक्का ढाला । भारत में  सिक्के तो पहले भी बने । लेकिन ईस्ट इंडिया कंपनी इसे चलन में ले आई ।

बंगाल के नवाब के साथ एक संधि के तहत ईस्ट इंडिया कंपनी ने साल 1757 में टकसाल बनाई थी ।  तब कंपनी को बिहार और बंगाल में कमाई करने के अधिकार दिए गए थे ।
तब उत्तर भारत के अधिकांश इलाकों पर मुगलों का राज था । उसके बाद मराठा और राजपूत का वर्चस्व था । ईस्ट इंडिया कंपनी के दायरे में मद्रास प्रेसिडेंसी, बॉम्बे प्रेसिडेंसी और बंगाल प्रेसिडेंसी थे । इसलिए यहां  इन्होंने अपने सिक्के जारी किए । ब्रिटिश सिक्के साल 1950 तक देश में चलन में थे ।

कुछ समय तक भारत में 'आना' सिस्टम चला जिसमें- 1 आना, 2 आना, 1/2 आना के सिक्के चलते थे । एक रुपया 16 आना यानी 64 पैसे का मिलकर बनता था । एक आना का मतलब 4 पैसे होता था ।

एक पैसे का सिक्का 1957-1972 के बीच चलन में थे । इन पर 2011 में बैन लगा दिया गया ।
1964-1972 के बीच 3 पैसे के सिक्के ढाले गए । साल 2011 में इन्हें बंद कर दिया गया ।
1957-1994 के बीच 5 पैसे के सिक्के ढाले गए । 2011 में इन्हें भी चलने से बैन कर दिया गया ।
25 पैसा 1957-2002 के बीच ढाले जाते रहे । लेकिन तत्कालीन यूपीए सरकार ने चवन्नी को बंद कर दिया ।
साल 1962 से चलन  एक रुपये का सिक्का चलन में आया जो आज भी चलता है।

2 रुपये का सिक्का 1982 से चलन में आया और 5 रुपये का सिक्का 1992 से चलन में आया था । इसके अलावा साल 2006 से सरकार ने 10 रुपये का सिक्का भी देश में जारी कर दिया ।

8 नवंबर 2016 को तो भारत ने नोटबंदी भी हुई । 500 और 1 हजार के पुराने नोट चलन में बंद कर दिए गए । 500 और 2 हजार के नए नोट जारी किए गए । फिर 200 रुपए के नोट भी छपे ।



No comments:

Post a Comment

मेरी पहली किताब (MY FIRST BOOK)

साथियों, मैं ब्लॉग कम ही लिख पाता हूं, इसलिए नहीं कि लिखना नहीं चाहता । दरअसल मैंने लिखने का सारा वक्त अपनी किताब को दे दिया । एक विद्यार्थी...