19 अगस्त 1666 को औरंगजेब की कैद से शिवाजी मुक्त हुए! शिवाजी फल की टोकरी में छिपकर बाहर निकले !
और इसी दिन,कलकत्ता (अब कोलकाता) में 19 अगस्त 1757 को ईस्ट इंडिया कंपनी ने पहला सिक्का ढाला । भारत में सिक्के तो पहले भी बने । लेकिन ईस्ट इंडिया कंपनी इसे चलन में ले आई ।
बंगाल के नवाब के साथ एक संधि के तहत ईस्ट इंडिया कंपनी ने साल 1757 में टकसाल बनाई थी । तब कंपनी को बिहार और बंगाल में कमाई करने के अधिकार दिए गए थे ।
तब उत्तर भारत के अधिकांश इलाकों पर मुगलों का राज था । उसके बाद मराठा और राजपूत का वर्चस्व था । ईस्ट इंडिया कंपनी के दायरे में मद्रास प्रेसिडेंसी, बॉम्बे प्रेसिडेंसी और बंगाल प्रेसिडेंसी थे । इसलिए यहां इन्होंने अपने सिक्के जारी किए । ब्रिटिश सिक्के साल 1950 तक देश में चलन में थे ।
कुछ समय तक भारत में 'आना' सिस्टम चला जिसमें- 1 आना, 2 आना, 1/2 आना के सिक्के चलते थे । एक रुपया 16 आना यानी 64 पैसे का मिलकर बनता था । एक आना का मतलब 4 पैसे होता था ।
एक पैसे का सिक्का 1957-1972 के बीच चलन में थे । इन पर 2011 में बैन लगा दिया गया ।
1964-1972 के बीच 3 पैसे के सिक्के ढाले गए । साल 2011 में इन्हें बंद कर दिया गया ।
1957-1994 के बीच 5 पैसे के सिक्के ढाले गए । 2011 में इन्हें भी चलने से बैन कर दिया गया ।
25 पैसा 1957-2002 के बीच ढाले जाते रहे । लेकिन तत्कालीन यूपीए सरकार ने चवन्नी को बंद कर दिया ।
साल 1962 से चलन एक रुपये का सिक्का चलन में आया जो आज भी चलता है।
2 रुपये का सिक्का 1982 से चलन में आया और 5 रुपये का सिक्का 1992 से चलन में आया था । इसके अलावा साल 2006 से सरकार ने 10 रुपये का सिक्का भी देश में जारी कर दिया ।
8 नवंबर 2016 को तो भारत ने नोटबंदी भी हुई । 500 और 1 हजार के पुराने नोट चलन में बंद कर दिए गए । 500 और 2 हजार के नए नोट जारी किए गए । फिर 200 रुपए के नोट भी छपे ।
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