Monday 6 August 2018

दोस्त मेरा नेता है...


दोस्त मेरा नेता है
टिकट की आस में बैठा है

मेहनत में उसका तोड़ नहीं
फिर भी दल में शोर नहीं
 बात करूं तो उसकी
मुस्कुराता है
दूसरे की बात पर
मुहं बनाता है

दोस्त मेरा नेता है
टिकट की आस में बैठा है

सफेदी में जब से गया वो लौट
कुर्ता, पाजामा और हाफ कोट
कमीज, पेंट और जूते का बदल गया रंग
बोलने का भी  बदल गया उसका ढंग

दोस्त मेरा नेता है
टिकट की आस में बैठा है

दिखाता है 
दिल्ली में है उसकी पैठ
गाड़ी भी है बुलेट 
कहता है
चर्चा है उम्मदवारी की
इस बार जश्न तैयारी की

दोस्त मेरा नेता है
टिकट की आस में बैठा है

सुनने में आया 
टिकट कोई और ले गया
ताल ठोंक रहा था
मैदान कोई और मार गया

अब बर्दाश्त से बाहर हुआ
गुस्से से वो पागल हुआ
बदल लिया उसने पाला 
सोचा खुलेगा किस्मत का ताला

दोस्त मेरा नेता है
टिकट की आस में बैठा है

कतार यहां भी लंबी है
लगता है ये मंडी है
मेहनत का क्या मोल है ?
चिंता मत कर दोस्त 
फल जो मिले वही अनमोल है

दोस्त मेरा नेता है...

- निशांत कुमार

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