भाजपा के प्रवक्ता ने कहा कि नक्सलियों को बढ़ावा देना चाहती है कांग्रेस । आरोप ये भी लगाया कि नक्सलियों से रिश्ते रखने के दो आरोपियों के लेटर में दिग्विजय का फोन नंबर मिला । ये भी कहा गया कि पार्टी अपना नाम कांग्रेस-माओवादी कर ले ।
उधर, कांग्रेस नेता दिग्विजय ने इन आरोपों पर कहा- "अगर ऐसा है तो मुझे सरकार गिरफ्तार करे । पहले देशद्रोही, अब नक्सली । इसलिए यहीं से मुझे गिरफ्तार करिए ।"
आपको बता दें कि शिवराज सिंह चौहान ने अपने भाषण में दिग्गी के लिए देशद्रोही शब्द का इस्तेमाल किया था । जिसके बाद भोपाल के टीटी नगर थाने में दिग्विजय गिरफ्तारी देने भी पहुंचे थे । लेकिन मध्य प्रदेश के मुखिया के बयान पर पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया । पुलिस ने कहा- कोई मामला ही दर्ज नहीं है तो गिरफ्तारी किस बात की ?
अब संबित पात्रा ने 'नक्सली' की ओर इशारा किया है । जरा समझे इस सियासत को और हाल ही मे हुए कुछ घटनाक्रम को ।
- अभी महाराष्ट्र से कई कथित नक्सली समर्थक को पुलिस ने पकड़ा । कई की नजरों में ये मानवाधिकार कर्यकर्ता भी हैं । भारतीय मीडिया में ये शोर ज्यादा है कि प्रधानमंत्री मोदी की हत्या की साजिश का कोई गहरा कनेक्शन जुड़ा हुआ हो सकता है ।
- अभी नोटबंदी को लेकर रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया कि 97 फीसदी पुराने नोट वापस आ गए । मतलब सरकार को अपने ही फैसले पर मुंह की खानी पड़ी ।
- अभी डॉलर के मुकाबले रुपया 70 के पार जा चुका है ।
- अभी राफेल पर फ्रांस की मीडिया में छपी कथित गड़बड़ी की खबर से भारत में सियासत खौली रही है ।
- अभी एससी-एसटी एक्ट में हुए संशोधन को लेकर पूरे मध्य प्रदेश में बवाल मचा हुआ है । 6 सितंबर को तो भारत बंद का ऐलान भी किया गया है ।
इतनी बातें जानना इसलिए जरूरी है कि इन सबके बाद ही संबित पात्रा का एक उड़ता हुआ नया तीर लोगों के बीच आया है ।
क्या मतलब समझा जाए पहले 'कांग्रेस मुक्त भारत ' का नारा दिया गया था । फिर मकसद पूरा होता दिखा तो इसे एक जुमला कह दिया था । इसी दौरान 'भगवा आतंकवाद' वाले बयान को लेकर दिग्विजय एंटी हिंदू छवि लिए फिरते भी रहे । बीजेपी को इसका भरपूर फायदा भी मिला । लेकिन इस छवि को धोने के लिए दिग्विजय ने नर्मदा में भी डुबकी लगाई । बीजेपी का ऐसा कोई नेता मुझे याद नहीं आता जिसने पैदल नर्मदा परिक्रमा की हो ।
लग यही रहा है कि मुद्दों को छोड़ अब नया मॉडल आकार लेता दिख रहा है । जिसका इस्तेमाल आगामी चुनावों में देखने को मिल सकता है । जिस कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में झीरम घाटी नक्सली हमले में कई दिग्गज नेताओं को खोया । उसे इस तरह के नाम से सुसज्जित कर सवालों में खड़ा किया जा रहा है ।
क्या ये ठीक वैसे ही है जैसे पहली बार कांग्रेस मुक्त भारत का नारा दिया गया था । या फिर बीजेपी की तरफ से चारा फेंककर देखा गया है कि कितनी 'मछली' इसे पसंद करती है । चला तो चांद तक, नहीं तो शाम तक। ये वही संबित पात्रा हैं जिन्होंने अभी एक टीवी बहस के दौरान मानसरोवर यात्रा पर गए राहुल गांधी को 'चाइनीज गांधी' कहा था ।
आगे आगे देखिए होता है क्या ।।